कोलकाता। मुर्शिदाबाद हिंसा की जांच के लिए नौ सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है। इस एसआईटी की अध्यक्षता डीआईजी मुर्शिदाबाद रेंज करेंगे। गठित की गई एसआईटी में एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (खुफिया शाखा), दो उपाधीक्षक – एक काउंटर इंसर्जेंसी फोर्स (सीआईएफ) से और दूसरा आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) से – पांच निरीक्षक (सीआईडी से चार और ट्रैफिक पुलिस से एक सहित), और सुंदरबन पुलिस जिले के तहत साइबर अपराध पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी शामिल हैं। इससे पहले दिन में, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में मुस्लिम मौलवियों से मुलाकात की। धार्मिक नेताओं के साथ बैठक के दौरान, सीएम बनर्जी ने मुर्शिदाबाद हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों को 10 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की थी । उन्होंने यह भी कहा कि वह मुख्य सचिव से इस पर रिपोर्ट दाखिल करने को कहेंगी।
वहीं, दिन मे मुर्शिदाबाद के धुलियान शहर में जहां दंगाइयों ने 130 घरों को आग के हवाले कर दिया और लूटपाट के दौरान महिलाओं के साथ अभद्रता की गई, वहां बीएसएफ के जवानों ने फ्लैग मार्च किया। यहां बड़ी संख्या में पुलिस बल और बीएसएफ के जवानों को तैनात किया गया है।
मुर्शिदाबाद में हिंसा के चलते विस्थापित हुए लोग
मुर्शिदाबाद जिले के कई इलाकों में वक्फ कानून के विरोध में बीती 11-12 अप्रैल को हिंसा भड़क गई थी। ये हिंसा सुती, धुलियान और जंगीपुर इलाकों में हुई। इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई और कई अन्य घायल हुए। धुलियान के मंदिरपाड़ा इलाके में कथित तौर पर कई महिलाओं का उत्पीड़न किया गया। हिंसा के चलते मुर्शिदाबाद में बड़े पैमाने पर विस्थापन हुआ। सैंकड़ों की संख्या में महिलाएं बच्चे भागीरथी नदी पार कर पड़ोसी माल्दा जिले में पहुंच गए और अब वहां कैंपों में रह रहे हैं। महिला आयोग की अध्यक्ष ने बयान जारी कर कहा कि ‘आयोग मुर्शिदाबाद से आ रहीं खबरों को लेकर बेहद चिंतित है। महिलाओं को न सिर्फ हिंसा का सामना करना पड़ा बल्कि उन्हें अपनी गरिमा और अपने घरों को भी छोड़ना पड़ा।
महिला आयोग ने भी जांच के लिए बनाई है समिति
वहीं, मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी एक जांच समिति का गठन किया है। यह समिति मुर्शिदाबाद हिंसा के दौरान महिलाओं के उत्पीड़न और उनके विस्थापन की जांच करेगी। महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहटकर ने मुर्शिदाबाद हिंसा पर स्वतः संज्ञान लिया है। ये जांच समिति ऐसे सुझाव देगी, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाएं न होने पाएं। जांच समिति हितधारकों के साथ बात करेगी और हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा कर पीड़ितों से भी चर्चा करेगी। महिला आयोग की अध्यक्ष रहटकर और आयोग की सदस्य अर्चना मजूमदार और डिप्टी सचिव शिवानी डे 17 अप्रैल की शाम को कोलकाता पहुंच सकते हैं। कोलकाता से समिति 18 अप्रैल को माल्दा जाएगी, जहां विस्थापितों से बात करेगी। साथ ही प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों से भी चर्चा की जाएगी। 19 अप्रैल को महिला आयोग की जांच समिति मुर्शिदाबाद में हिंसा प्रभावित इलाकों जैसे शमशेरगंज, जाफराबाद आदि का दौरा करेगी और पीड़ितों से मुलाकात करेगी। इस दौरान पीड़ितों को दी जा रही मदद की भी जानकारी ली जाएगी।
इस बीच, दक्षिण बंगाल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुप्रतिम सरकार ने कहा कि स्थिति अब सामान्य है। सभी सुरक्षित हैं। सीआरपीएफ, राज्य पुलिस और संयुक्त बल तैनात हैं। पश्चिम बंगाल पुलिस के डीजीपी खुद समसेरगंज पुलिस स्टेशन में मौजूद थे। हम सभी से अनुरोध करते हैं कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें। हमने एक नियंत्रण कक्ष खोला है। कोई भी व्यक्ति किसी भी समस्या का सामना करते समय हमसे किसी भी समय संपर्क कर सकता है।